चेहरे से तिल हटाने के होम्योपैथिक उपचार

 

चेहरे पर तिल होना एक आम बात है जो आमतौर पर हर उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। अग़र ये शऱीर के किसी हिस्से में हों तो ज़्यादा समस्या नहीं होती लेक़िन यह चेहरे पर होने से चेहरे की सुन्दरता में विघ्न पैदा करता है, जिसके लिए होम्योबाज़ार में बर्बेरिस,थूजा,एसिड हाइड्रो फ़्लोर जैसी विभिन्न होम्योपैथिक दवाइयाँ उपलब्ध हैं।

हमारे शऱीर में बहुत सारी मेलानोसाइट्स कोशिकाएं पायी जाती हैं जिनका काम मेलैनिन पिग्मेंट को बाहर निकलना होता है जिसके कारण शऱीर के रंग को बरकरार रखा जाए, जिस व्यक्ति में मेलैनिन बहुत कम होता है तो वो बहुत गोरा होगा औऱ जिसमें मेलैनिन ज़्यादा होगा तो वो बहुत काला होगा यदि मेलैनिन की मात्रा ना कम ना ज़्यादा अथवा मीडियम होगी तो तिल का रंग गेहुँआ रंग का होगा। मेलैनिन पिग्मेंट की वज़ह से प्रेगनेंट महिलाओं में आँखों के पास झाइयाँ जैसी स्थिति देखने को मिलती है। बल्कि आजकल के युवाओं में भी इस समस्या को देखा जा सकता है।

आमतौर पर तिल कई लोगों में जन्म से ही देखने को मिलते हैं जो बर्थ मार्क की पहचान बताते हैं। जबकि कुछ लोगों में इसे आनुवंशिक रूप से देखने को मिलते हैं। तिल निम्न परिस्थितियों में भी हो सकते हैं जैसे - अधिक समय तक धुप में रहने से , गर्भावस्था के दौरान , किशोर अवस्था में इत्यादि।

 

कई लोग तिल औऱ मस्सा दोनों को एक ही समझते हैं। मस्सा उभरा हुआ होता है जबकि तिल में उभार नहीं होता है। तिल को निम्न रंगों जैसे - ग़ुलाबी ,काला ,नीला ,हरा ,भूरा आदि रंगों में देख सकते हैं।

कुछ लोग तिल को लहसुन,प्याज,एलोवेरा आदि को अलग अलग तरीके से पीसकर तिल को हटाने का प्रयास करते हैं। जबकि कोई सिरका का प्रयोग करता है। तिल को हटाने के लिए चूना भी एक गुणकारी औषधि है। इसके अलावा केला,अरंडी का तेल,अनानास, फूलगोभी,स्ट्रॉबेरी,खट्टी लस्सी इत्यादि का प्रयोग भी तिल को हटाने में कारग़र साबित होता है।

तिल का आकार 6 mm या इससे कम होता है यदि 6 mm से अधिक आकार देखा जाये या फ़िर यदि तिल का रंग परिवर्तित हो रहा हो तो समझ सकते हैं , कि कैंसर जैसे भयानक ऱोग भी होने की संभावना होती है।

होम्योबाज़ार में इस उपचार के लिए कई दवाएँ उपलब्ध हैं -

 1. बर्बेरिस

2. थूजा

3. एसिड हाइड्रो फ़्लुओर

 

इन सभी दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट होने की सम्भावना बहुत कम होती है लेक़िन इसके परिणाम बहुत असरकारक होते हैं, जिनमें एसिड हाइड्रो फ़्लुओर नामक दवा को सप्ताह में एक बार प्रयोग किया जाता है। औऱ विशेषकर थूजा नामक दवा के प्रयोग से तिल के बढ़ने में कमी के साथ साथ अन्त होने की सम्भावना अधिक रहती है। 

इन सभी के उपरान्त भी यदि आपको आराम नहीं मिलता है तो आप किसी नज़दीकी चिकित्सक से सहायता ले सकते है। या फ़िर आप होमियो बाजार पर जाकर सीधे डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। जिसके लिए आपको केवल होमियो बाजार की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है और हमारे द्वारा प्रमाणित डॉक्टरों के साथ अपॉइंटमेंट बुक करना है। वे आपकी स्थिति का विश्लेषण करेंगे और उसी के अनुसार आपका इलाज करेंगे।

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